गुरुवार, 20 जुलाई 2017
गौरक्षा – गौरक्षक और निर्दोष जनता पर हमला –सत्य दर्शन
गौरक्षा – गौरक्षक और निर्दोष जनता पर
हमला –सत्य दर्शन
लगभग २५ वर्षों से गौरक्षा गौसंवर्धन और गौवंश के आर्थिक योगदान को
देश के समक्ष लाने में ऐसी प्रस्तिथियों से शायद नहीं गुजरना पडा था जिनसे आज देश
गुजर रहा है| १९६६ के गौवंश रक्षा आन्दोलन में भाग लेते हुए पूजनीय कृपात्री
जी,गुरु गोवलकर जी, अटलजी और हज़ारों साधू संतो व् गौप्रेमिओं पर गोली चला कर मारना
देखा था| गौरक्षकों पर गौतस्करों, कसाईओं, व् उनको सहायता करने वाले सरकारी
अधिकारियों व् राजनितिज्ञो को देखा था| परन्तु उस समय की देश की प्रधानमंत्री
श्रीमती इंदिरा गाँधी को सभी सम्बद्ध विभागों को सम्विधान और देश में गौरक्षा हेतु
बने विधि विधानों का पालन करने का निर्देश देते हुए भी देखा था|प्रश्न उठता है
क्या है गौरक्षा? क्या जरुरत है इसकी? देश का सविधान व् देश के विधि विधान क्या
कहते है ? क्या है यह षड्यंत्र? इसकी देश
को हानि ?
गौरक्षा
यानी गौवंश की क्रूरता, क़ुरबानी, कत्ल, तस्करी आदि कुकृत्यों से
रक्षा और वृद्ध, निसहाय अपंग का भी विधिवत पालन
क्या
जरुरत है इसकी ?
देश
के स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानियों ने गौरक्षा को स्वाधीनता से भी बड़ा प्रश्न
माना था और देश को आश्वाशन दिया था कि देश के स्वतंत्र होने पर कलम की पहली नोक से
देश में गौहत्या पर रोक लगा दी जाएगी |
इस सृष्टि की रचना और मानव विकास में गौवंश का अहम् दायित्व माना
गया है | भारतीय अर्थव्यवस्था में, ग्रामीण विकास में, स्त्रीशक्ति उत्थान में,
स्वास्थ्य, चिकित्सा, कृषि, सिचाई, परिवहन और तो और सामरिक उपयोगो में गौवंश का
अकल्पनीय सहयोग माना जाता रहा है | औषधियोके
स्वामी धन्वन्तरी ने गौभक्ति और गौसेवा कर आरोग्य प्रदायनी गौ दुग्ध, गौ घी,
गौदधि, गौमूत्र और गौबर के मिश्रण से पंचगव्य की रचना की यहां तक कि गाय (गोबर)
का मलमूत्र एक पर्यावरण रक्षक के रूप में माना जाता था और फर्श और घरों की दीवारों रसोई में इस्तेमाल किया
गया था. शुद्ध रहने के लिए हर घर और मानव शरीर पर गोमूत्र छिड़काव एक आम बात थी.
संयुक्त राष्ट्र संगठन का कथन है कि १८ प्रतिशत विश्व तापमान प्राणी
हत्या के कारण ही है इसलिए विश्व को २०५० तक पूर्ण शाकाहारी होना होगा | भारत
पेरिस में जलवायु परिवर्तन समझोते का बड़ा भागीदार है|
देश
में बढती कृषि लागत और किसान की आत्महत्या को रोक लगानी है तो प्राकृतिकखाद, कीट
नियंत्रक और बैल शक्ति को अपनाना होगा वास्तव में विकराल
राष्ट्रिय समस्याओं का परिहार ही गौवंश है|
रोग मुक्त भारत,
कर्जमुक्त भारत,
अपराध मुक्त भारत
|
प्रदूषण मुक्त भारत,
कुपोषण मुक्त भारत,
अन्नयुक्त भारत,
|
उर्जा उक्त भारत,
रोजगारमय भारत,
स्वालम्बी भारत
|
माननीय शंकरलाल जी जी के शब्दों में भारत के विकास और
सम्पन्न भारत के स्वप्न को यह कामधेनु ही पूर्ण करसकती हैयानि सम्पन्
भारत का संकल्प पूरा करने में गौवंश सक्षम है इसलिए
इसकी रक्षा करनी होगी|
जल,जमीन,
जंगल, जीवात्मा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और संस्कार की रक्षा करनी हो तो पृथम गौवंश
को बचाना होगा|अंग्रेजी में इसे COW MOTHER
कहा जाता है इसमें एक एक
अक्षर
अपने में महिमा संजोये हुए है अग्रज माननीय श्री राधेश्याम गुप्ता जी के शब्दों
में देखिये :-
C – Capital Formation सम्पति प्रदायनी
O – Organic farming प्राकृतिक जीरो बजट खेती
W –Weather, Wealth मौसम नियंत्रक, सम्पति
M –Money, Milk,
Medicine,पैसा, दुग्धशाला, माँ
O- Organic Manure प्राकृतिक खाद का खजाना
T- Trade Transport व्यापार, उद्योग,परिवहन
H-Healthस्वास्थ्य प्रदायक,सर्वरोगनिवारक.
E- Energy Economy, Ecology शक्ति,अर्थव्यवस्था,पृदूषणनिवारक
R -Rural Development ग्राम
विकास की धुरी
परन्तु अत्ति क्षुद्र
लालच में इन्हें भुला कर केवल मांसप्राप्ति का साधन मान लिया गया है|
देश का सविधान व् देश के विधि विधान क्या कहते है संविधान सभा की विस्तृत चर्चा में परमश्रध्य पुरुषोतमदास टंडन, सेठ
गोविन्ददास, श्यामाप्रशाद मुखर्जी जैसे गौभक्तो ने इसका मूलभूत सिधान्तो में रखने
का समर्थन किया था|24 नवम्बर १९४८को संविधान
सभा में प्रस्ताव पर बहस के दौरान, पंडित ठाकुर दास भार्गव सेठ गोविंद दास,श्री आर.वी. धुलेकर,प्रो. शिब्बन
लाल सक्सेना,श्री राम सहाय और डॉ. रघुवीर आदि ने स्वीकृत
करने के लिए पक्ष में महत्वपूर्ण और पुरजोर आवाज में विषय रखा | यह दिलचस्प है कि संयुक्त प्रांत के एक मुस्लिम सदस्य श्री JH लारी ने,सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के हित में कहा कि
अबसे गोवंश हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध होगा ना की निर्देशक सिधान्तो मे विभिन्न
राज्य सरकारों को यह या वोह नियम बनाने को या ना बनाने को छोड़े .
इसी तरह, संविधान सभा के एक और असम से मुस्लिम
सदस्य, श्री सैयद मुहम्मद सैअदुल्ला ने कहा, "महोदय, सदन के
समक्ष बहस का विषय अब धार्मिक और आर्थिक दो
विषयों पर है. मुझे पता है
कि गाय हिंदू सम्प्रदाय की देवी के रूप में है और इसलिए वे यह बलि का विचार नहीं कर सकते.. धार्मिक
पुस्तक, पवित्र कुरान मुसलमानों को एक आदेश कह रही है 'ला
इकरा बा खूंदी दीन', यानि
धर्म के नाम में कोई बाध्यता नहीं होना चाहिए|
सारांश में संविधान सभा की पूर्ण बहस से नतीजा
निकलता है की एक प्रारम्भिक प्रयास मौलिक अधिकारों में गोवंस हत्या पर पूर्ण
प्रतिबंध शामिल किए जाने के लिए किया गया था. बड़े महत्वपूर्ण विचारों और
सुझाओं और भारतीय जन मानस को जो गौवंश को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हुए मौलिक
सिधान्तो में रखना चाहते थे, को अनदेखा करते हुए विषय को राज्यों को निदेश सिधांत
४८ में डाल दिया गया| किन्तु तब भी विदेशी
षड्यंत्र में सुरक्षा तो प्रदान की गई लेकिन राज्यों को निर्देश सिधान्तो में
रखदिया गया था|निम्नलिखित सिधांतो का भी पालन गौवंश सुरक्षा
में अहम् दायित्व प्रदान करता है |
संविधान
: मूलभूत सिधांत ५१ ए (जी) हर नागरिक का कर्तव्य है कि प्राकृतिक साधनों जिसमे वन तालाब नदियाँ
और वनचर हैं उनका संरक्षण और सम्वर्धन करे तथा सभी जीवों पर अनुकम्पा रखे हर जीवय प्राणी वस्तु से प्यार करे. राज्यों को निदेशक सिधांत '48-A. राज्य कृषि और पशु
पालन को आधुनिक और वैज्ञानिक तरीकों अपनाएगा और विशेषत: पशु संवर्धन और नस्ल सुधार
के सभी जरुरी कदम तथा गाय और विभिन्न काम में आने वाले पशु विशेषत: दुधारू और कृषि
उपयोगी पशु और उनके वंश को हत्या से बचाएगा|
यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने
विभिन्न आदेशो में प्रतिपादित किया है विशेषत: संविधान पीठ द्वारा सिविल अपील न: 4937-4940 of 1998 on 26th October,
2005. SCCL. COM 735 में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति
श्री रमेश चंदर लाहोटी द्वारा बम्बई प्राणी सम्वर्धन (गुजरात) अधिनियम गौवंश हत्या
पर प्रतिबंध , Ban on slaughter of Cow progeny imposed by
Section १९९४ धारा २ को संविधान के
१९(१)(जी) के अनुसार जनहित में और
सामजिक, धार्मिक, और बैलों की कृषि बायो गेस, पर्यावरण में उपयोगिता सही पाया था |
इन सभी न्याय और संविधान की भावनाओं
को पूर्ण करने हेतु कितने ही विधि विधान पारित किये गए है और आज भी
शक्तिमान है |
केन्द्रीय विधि विधानों में सबसे पृथम भारत दंड संहिता (IPC) और अपराध
प्रक्रिया संहिता (CrPC)१९७३ सामने आते हैं | अपराध नियम संहिता की धारा ४३ में
आमजन को भी अजमानतीय और संज्ञेय अपराध में लिप्त या उद्घोषित अपराधी को पकड़ने की
शक्ति प्रदान कर रखी है धारा ४३ प्राइवेट
व्यक्ति द्वारा गिरफ्तारी और ऐसी गिरफ्तारी पर प्रक्रिया
—(1) कोई प्राइवेट व्यक्ति िकसी ऐसे व्यक्ति को जो उसकी उपिस्थित में अजमानतीय और संज्ञेय अपराध करता है, या किसी उद्घोषित अपराधी को गिरफ्तार
कर सकता है या गिरफ्तार करवा सकता है और ऐसे गिरफ्तार कीए गए व्यक्ति को अनावश्यक विलंब
के बिना पुलिस अिधकारी के हवाले कर देगा या हवाले करवा देगा या पुलिस अिधकारी की
अनुपिस्थित में ऐसे व्यक्ति को अभिरक्षा में
निकटतम पुलिस थाने ले जाएगा या भिजवाएगा |
भारतीय दंड संहिता की धारा ४२८ और ४२९ के अलावा धारा १५३अ, २९५, ५०५,
आदि ना जाने कितनी ही धाराएं घृणित, क्रूरतम, अवैधानिक प्राणी व्यापार, परिवहन,
कत्ल तस्करी व् कुर्बानी पर लागु होती हैं | केन्द्रीय और राज्यों द्वारा
प्रतिपादित कृषि विपणन अधिनियमों में दुधारू
व् कृषीहर प्राणियों पर नियम बनाये हुए
हैं| लगभग हर राज्य में गौहत्या निषेध व् पशु सम्वर्धन अधिनियमों में इन मूक
प्राणियों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की हुई है | केन्द्रीय पशु क्रूरता निवारण
अधिनयम १९६० पुरे देश में लागू है | वाहन परिवहन अधिनियम की धारा १२५ इ में
वाहनों में पशुओं की लदान करने की
प्रक्रिया और निस्थान देना निर्धारित किया हुआ है|
ऐसे कितने ही विधि विधानों को नित्यप्रति तोड़ा जा रहा है | आदरणीय
प्रधानमन्त्री जी को इन सभी का पूर्णत: ज्ञान है और उन्होंने गुलाबी क्रान्ति को
समाप्त कर हरित क्रान्ति लाने का देश को संदेश दिया था |
वास्तव में पूर्व प्रधानमन्त्री श्री अटलबिहारी जी वाजपई जी ने भू.पु
न्यायमूर्ति श्रीगुमानमल लोढा जी के नेतृत्व मे राष्ट्रीय प्राणी आयोग का गठन करा
था जिसकी रपट एक वर्ष में पूर्ण समस्या की विवेचना कर दे देश को स्मर्पित करी गई थी और आज भी संदर्भित
है |
भा
ज पा २०१४ राष्ट्रीय
चुनाव घोषणापत्र में लिखा गया था कि
·
गौवंश- गौववंश
के देश में कृषि, सामाजिक, आर्थिक
व् सांस्कृतिक जीवन में योगदान को देखते हुए गौवंस सुरक्षा और सम्वर्धन हेतु
पशुपालन विभाग को शक्तिशाली और उर्जावान बनाया जायेगा
·
गौवंश सुरक्षा व्
बढ़ोतरी हेतु आवश्यक विधान बनाये जायेंगे
·
देशी मवेशी नस्लों
को उन्नत बनाने हेतु कार्यक्रम के संचालन हेतु एक राष्ट्रीय मवेशी उत्थान बोर्ड का
गठन किया जायेगा
आज प्रस्तिथियाँ विपरीत दृष्टी गौचर हैं | अंतिम २०१२ की
पशुगणना में १६ प्रतिशत की कमी बताई गयी थी| देश से गौमांस का निर्यात प्रतिबंधित
है लेकिन भैंस के मांस के नाम में भेजा जा रहा है | जो २०१५-१६ में 13,14,473.07 मी.टन से बढ़ कर २०१६-१७ में 13,30,660.47 मी.टन हो गया| बांग्लादेश को तस्करी
कम होने का नाम ही नहीं ले रही | यह पूरा व्यापार ना पहले किसी कराधान के अंतर्गत
आता था ना ही जीएसटी के अंतर्गत आने वाला
है| लगभग ७-८ लाख करोड़ लाभ का यह व्यापार देश में नशीली दवाइयो, आतंकवादियों और
उनके हथियारों को बदले में लाता है | अनुमानत
रु.एक लाख करोड़ रिश्वत में
प्रतिवर्ष बाँट दिया जाता है |
दक्षिण भारत में केरल और गोवा में दुधारू और खेतिहर प्राणी लाखो में
नही हज़ारो में बचे हैं जबकि प्रतिवर्ष लाखों गौवंश व् अन्य मवेशी और मांस का अन्य
राज्यों से अवैधानिक यातायात होता है |
अनुमानत: प्रतिवर्ष
९करोड प्राणियों का जन्म होता है लेकिन इस से कहीं अधिक प्रतिवर्ष निर्मम
क्रूर अवैधानिक यातायात कर दिए जाते हैं |
आम
प्रक्रियानुसार इन अपराधों की सुचना पुलिस
में देनी चाहिए |गौरक्षको को पुलिस में बताना चाहिए
लेकिन जब पुलिस सुनती हो- सुचना का संज्ञान लेती हो| उल्टा देखने में आया है कि शिकायत की सुचना तुरंत
अवैध व्यापारियों तक पहुंचा दी जाती है | वैसे हर राज्य और केन्द्रीय सरकार के पास
गुप्तचर विभाग हैं और उनके पास क्या इन सूचनाओं का अभाव है ?
केवल पुलिस ही नहीं इस गम्भीर अपराध को रोकने में देश और राज्यों
के कृषि विपणन विभाग, परिवहन विभाग, वन विभाग, नगर संकाय विभाग, सीमा सुरक्षा बल,
सीमाकर विभाग,पशुपालन व् पशु चिकित्सा विभाग,
भारतीय जीव जन्तु कल्याण बोर्ड, विभिन्न राज्यों के जीवजन्तु कल्याण बोर्ड
व् गौसेवा आयोग आदि भी जिम्मेदार हैं | गौरक्षक तो सडक पर तब आता है जब यह सभी
संस्थाएं और विभाग अपनी जिम्मेदारी से विमुख पाए जाते हैं और राजस्थान, पंजाब
हिमाचल से निकला प्राणी हरियाना, दिल्ली, उत्तरप्रदेश,बिहार, झारखण्ड पार करता हुआ
बंगाल पहुँच जाता है वैसे ही कर्नाटक तमिलनाडु से चला आंध्रप्रदेश, तेलांगना उड़ीसा
छतीसगढ़ पार कर बंगाल पहुँच जाता है| यह यहाँ ही नही रुकता बल्कि असाम, अरुणाचल,
मिजोराम और सुदूर त्रिपुरा पहुँच बांग्लादेश तस्करी कर दिया जाता है | गतवर्ष पुरे
तस्कर साम्राज्य से १ प्रतिशत यानी १,६०,००० प्राणियों को पकड़ा गया और तटकर विभाग
द्वारा नीलामी की गयी|
प्रति वर्ष लगभग ४५ लाख ट्रक इन मूक प्राणियों से क्रूरता पूर्वक
लदान कर हज़ारो किलोमीटर दूर बंगलादेश और देश के हज़ारों अवैधानिक कसायिखानो को
आपूर्ति करते देखे जाते है |
क्या यह जानकारी पुलिस, परिवहन, नगर निकाय, जंगलात कृषि उत्पाद मंडी आबकारी
राष्ट्रीय मार्ग अधिकरण. सीमा सुरक्षा बल (BSF) आदि विभागों
को नही है?
क्या इस
व्यवसाय से जुडे लोग अपराधी नहीं हैं ?
वार्षिक लगभग एक लाख करोड़ रिश्वत का यह मंजर क्या देश के
प्रधानमंत्री जी और मंत्रिमंडल से छुपा है
जब गौरक्षकों के सामने से ऐसा पशुओं से भरा ट्रक
गुजरता है तो हर गौप्रेमी भारतीय को खून के आंसू रोना पड़ता है | और अपराध
प्रक्रिया संहिता की धारा ४३ में प्रदत सुरक्षा अनुसार वोह अपना सभी कुछ दाव पर
लगा कर गौरक्षा हेतु तत्पर होता है |
यह अत्यंत सत्य है कि हर क्षेत्र में अपवाद भी पाए जाते हैं और गौरक्षा
में भी हो सकते हैं | ऐसे अपवादों को अवश्य रोकना होगा| हमारे हृदय सम्राट प्रधान
मंत्री श्री नरेंदर मोदी जी से हम निवेदन करते हैं कि जहां कुछ अपवाद गौरक्षको के
रूप में छिपे भेडियों हैं, उनके ऊपर कठिन से कठिन कार्यवाही करें साथ में १५०००
अधिक गौशालाओं और विभिन्न प्राणीदया संस्थाओं में निस्वार्थ सेवा में लगे
लाखों गौरक्षकों की भी होसला अफजाई करें| इसके साथ देश भर होती गौहत्या,
निर्मम क्रूर यातायात, तस्करी, कुर्बानी आदि अपराधों पर भी विराम हेतु सभी सम्बद्ध
विभागों को उचित व् कठोर कार्यवाही हेतु भी समुचित आदेश देने की कृपा करें|
Truth behind Animal activist attacking innocent public
Truth behind Animal activist attacking innocent public
We are reading and watching different news and reports of
attacks by so called animal activists. In last three years these incidents are
crossing 75 in number.
I am associated with safety, preservation and economic values of
Cow progeny movement since more than 2
decades.We have not came across this type of situation in last 25 years.
Nation witnessed the brute firing& killing of thousands of
Saints and Gou bhakts who were participating in 1966 peaceful Gou raksha
Andolan in the leadership of Pujaniy
Krapatri ji, Guru Ji govalkar Ji, Atal Ji and many from different corners of
Nation.
We used to read about Cow smugglers, butchers and their
helping politicians and State & Union government officials. But we also
red the appeal and Direction issued. to all concerned departments to take the
cognizance and implement Acts and Rules in Cow safety in letter and spirit by
then Prime Minister Smt Indira Gandhi
Now we hear, read listen
of Gourakshaks attacking, Lynching, beating, killing harassing, persons carrying Meat or transporting animals.
This message is repeated many times by none other but by our beloved Prime
Minister. We support our PM and value his noble intention. But is it not a one
side story? Very few incidents are reported in last three years. Say, 75 in
whole Nation whereas thousands of cases of killing, hurting animal lovers by
illegal animal traffickers are in National Crime Record Bureau. Millions of Animals
are rescued by these Animal lovers at the cost of their lives well known to our
beloved Prime Minister. Is Blaming all animal lovers (Gaubhakts) in the right
direction. Whether, it is not a way supporting animal butchers, smugglers
transporters traders and appeasement of one particular minority?
Some questions arise in public mind
1. What is Cow Safety?
2. what is its necessity?
3. What Our Constitution
and Acts & Rules say?
4. What was assured in BJP
Manifesto 2014
5. What is the loss to our
nation by this heinous Scam?
6. What shall we do?
Request & suggestion
1. Cow safety means to save Cow progeny from Cruelty, killing,
sacrificing, smuggling and serving old, incapacitated, injured.
In words of RSS National Cow safety Chief
Sri Shankarlal is we have to
save Kamadhenu as only it can
fulfill the national dreams of
·
Wealthy Bharat.
·
Disease
free Bharat,
·
Debt
free Bharat
·
Crime
free Bharat
·
Pollution
free Bharat
·
Malnutrition
free Bharat
·
Food
surplus Bharat
·
Energy
surplus Bharat
·
Employed
Bharat
·
Self
Sustaining Bharat
|
It is called COW
MOTHER and each letter denotes its importance, In words of Sri Radheshyam Gupta ji
C –
Capital Formation
O –
Organic farming
W
–Weather, Wealth
M –Money,
Milk, Medicine,
O-
Organic Manure
T-
Trade Transport
H-Health
E- Energy Economy, Ecology
R -Rural Development
|
2. What is the necessity Our respected freedom fighters valued question of Cow safety
larger than independence and assured nation that after the independence Cow
killing will be prohibited by the single stroke of the pen.
·
Role of Cow progeny has played a major role in civilization and human development. It
has Commendable and valuable role
in Indian economy, Rural development,
Women empowerment, Health, Cure, Agriculture, Irrigation, Transportation.
·
Medicine lord Dhanvantri worshipped and served Cow progeny and
formulated Panchgvya, Healthy Cow milk, Cow Ghee, Cow Curd, Cow Urine etc. Even
Cow dung was known as environment savior and used to be sprayed on home walls,
kitchens & worship places. Drinking and spraying Cow urine was a common phenomenon.
·
United Nation says that cause world 18% temperature increase is
due to animal killing and by 2050 world shall be vegetarian. India is also a
participant in Paris Climate Change Agreement. To curb increasing cost of
agriculture, Farmer’s suicide. we have to adopt organic compost, pest repellant
and use Bull power in agriculture, power generation and Cottage industries.
·
To save water. Land,
forest, human being, environment, health and tradition we have to 1st
save cow progeny. But in cheap greed of money it is valued as source of meat
3. What Our Constitution
and Acts & Rules say?
·
During the detailed discussion in Constituent Assembly Respected
Puroshottamdas ji Tandan, Seth Govinddas, Sri Shyamaprasad Mukharjee like Cow
lovers supported its placement in Fundamental principles. On 24th
November,1948 during the discussion on Cow safety issue Pandit Thakurdas
Bhargav, Sri RV Dhulekar, Prof. Shibbanlal Saxena, Sri Ram Sahay, & Dr.
Raghubir etc argued in its favor.It is also interesting that a Muslim member
Mr. JH Lari United province favored prohibition of Cow slaughter as fundamental
right than placing in Directive principles and to leave rule formation in the
hands of states.
·
In the same lines, member from Assam Sri Sayad Muhmmad Saidulla
addressed “ Sir, there are issues before the house on two religious and
economic basis. I know that Hindu religion see cow as goddess and can not
think its sacrifice. Religious book KURAN directs Muslims “Laa Ikaraa baa
khudi deen”i.i there shall not be any compulsion in the name of religion.
·
In
nutshell result of complete discussion in Constituent Assembly that initial
efforts were made for the inclusion of cow slaughter prohibition in Fundamental
Rights BUT most important suggestions and wish and will of Indian citizen were
kept aside and issue was put in Directive principles to the State Code 48 .
Implementation of these following provisions also provide important duty of Cow
safety and preservation
·
51A Fundamental duties.It
shall be the duty of every citizen of India—(g) to protect and improve
the natural environment including forests, lakes, rivers and wild life,
and to have compassion for living creatures;
·
48. Organisation of agriculture and animal husbandry.—The State shall
endeavour to organise agriculture and animal husbandry on modern and scientific
lines and shall, in particular, take steps for preserving and improving the
breeds, and prohibiting the slaughter, of cows and calves and other milch and
draught cattle.
·
48A. Protection and improvement
of environment andsafeguarding of forests and wild life.—The State shall
Endeavour to protect & improve the environment & to safeguard the
forests and wild life o the Country .
·
Honorable Supreme Court of India
confirmed Cow safety in its several decisions specially CJ Sri RC Lahoti
inConstitution Bench in Civil Appeal No
4937-40 of 1998 discussed and upheld on 26th Oct.,2005 Bombay Animal
Preservation (Gujarat) Act Section 2 Ban on slaughter of Cow progeny and found
correct in public interest, Social, Religious & use of Bulls in
Agriculture, Biogas and Environment etc
·
To fulfill the judicial
and constitutional requirements several Acts and Rules are enacted by Union and
State Governments and are in force today. Commonly 1st seen are
IPC & Cr.PC.
·
Which has provided
immunity to citizen in Code 43. Arrest by private
person and procedure on such arrest.(1) Any private person may arrest or
cause to be arrested any person who in his presence commits a non-bailable and
cognizable offence, or any proclaimed offender, and, without unnecessary delay,
shall make over or cause to be made over any person so arrested to a police
officer, or, in the absence of a police officer, take such person or cause him
to be taken in custody to the nearest police station.(2) If there is reason to
believe that such person comes under the provisions of section 41, a police
officer shall re-arrest him.
·
IPC Section 428,429 and 153A, 295,506 like several Sections are
applicable on brutal, cruel, illegal animal trade, Transport, killing,
smuggling and sacrifice. Union and
States have enacted Agro Produce
marketing Acts control Sale & purchase of Milk and Agricultural Animals.
Most of the States have enacted Prohibition of Cow Slaughter and Preservation
Acts providing complete safety to speechless animals. Prevention of Cruelty to
Animal Acts 1960 is in force in whole nation. Section 125E of Motor Vehicle
Act, 1988 provide procedure of safe loading and space to be provided to each
animal.
·
Actually, then Prime Minister
Sri Atal Bihari Vajapai constituted National Commission on Cattle under the
Chairmanship of Justice(Retd) Gumanmal Lodha. Commission submitted REPORT on
problem and solution which is relevant today also
4.
BJP
Manifesto-2014 assured Citizen
·
Cow and
its progeny:- In view of the contribution of Cow and
its progeny in Agriculture, Socio Economic & Cultural Life of our country,
the Department of Animal Husbandry
will be suitably strengthened and empowered for protection and promotion of Cow
and its Progeny.
·
Necessary
legal framework will be created to protect and promote Cow & its progeny
·
A National Cattle Development Board will be set up to implement a program for the
improvement of indigenous livestock breeds
5. What is the loss to our nation
by this heinous Scam?
1. Today
we see a different nationwide adverse scenario.
2. Last
five yearly Livestock Sample Survey held in 2012 informed 16% reduction in Cow
and Cattle. Export of Cow meat (Beef) is banned but is sent in the name of
Buffalo meat. It is increased from 13.14 Lakh Mt in 2015-16 to 13.31 Lakh MT in
2016-17.
3. As
per fair calculation app 90 million Cow progeny
& Buffalo are purchased in 450 billion and cruelly
transported to Slaughter houses and smuggled to Bangladesh fetching not less
than RS.7-8,000 Billion
4. No sign of reduction in Cow smuggling to Bangladesh. This
heinous meat and animal trade was nor in any Tax net earlier
nor will be covered in GST.
5. Income of Appx. RS.7-8,000 illicit income
from this heinous trade is seen import of fake currency.
Narcotics, Arms supply & Extremist activities
.
6. Appx.RS.1000 Billions distributed as Bribe to politicians and concerned departments.
7. Livestock in Kerala &
Goa is in thousands not in lakhs but consume millions of Cow progeny &
other Cattle every year. In
normal practice, information shall be given to Police BUT whether they listen
and give cognizance to these information . In fact, It is observed that
information of complaint immediately pass on to illegal trader, transporter.
8. Actually, State &
Central Government are equipped with Intelligence forces who must have
information on these crimes also.
9. Not only Police but
Agro Produce Marketing, Transport, Forest, Civic Administration, SSB BSF,
Customs, Animal Welfare Board of India & State Animal Welfare Boards, State
Goseva Ayogs are also responsible to curb, control Crackdown on these
Crimes.
10.
Animal activist comes on Road when these organizations are seen
immune from their responsibilities and a Cow progeny truck Cow loaded in
Rajasthan, Punjab, Haryana reaches Bengal after crossing Delhi, Utter Pradesh,
Bihar Jharkhand and similarly, truck commencing from Karnataka TN reaches
Bengal crossing Andhra Telangana, Orissa Chhattisgarh. This cattle traffic do
not stop here but travel Assam, Arunachal, Mijoram, Tripura and smuggle to
Bangladesh. Sacrificed on Kolkata Roads. More than 4.5 million truck loads are
used to transport and supply smuggle such large number of Cow and Buffalo to
Legal, Illegal slaughter houses, Khatals and smuggling. Whether it is possible
without the knowledge of concerned Police, Transport, National Highway etc
departments
11.
Indian Customs’s Last year seizure & auction data of Rathi,
Haryana breeds and other Cow progeny crossed 1.60 lakh. Whether persons
engaged in this cruel, illegal activities are not Criminals?
12.
Whether seen of bribe of RS1000 billion is invisible to our
beloved Prime minister and Cabinet. Blooded tears can be seen cow lover’s eyes When
he see a truck cruelly loaded with poor Cow and other animals.
13.
Under the immunity under Cr. PC code 43 he put on risk his all
& prefer Cow safety. Certainly, adverse
are seen in all fields and may also be a part of Cow safety movement.
14.
Animal lovers are losing their moral to save and serve
speechless cow progeny and other draught animals which will result in national
loss of Health, hygiene. Agriculture, rural development, women empowerment,
youth employment
6.
What shall we do? Request & suggestion
1.
We request our beloved Prime Minister Sri Narender Modi ji
to crack down on these few fake Cow activists and take most stern action
on these national enemies.
2.
We request the similar timely action on Cattle Mafia,
Transporters, Smugglers, Butchers. Beloved Prime Minister’s words and
directions will be guiding factor. .
3.
And simultaneously please
issue directions to concerned union and state departments to implement
constitutional provisions and related Acts & Rules to control nationwide brutal
cruel cow killing, slaughter, transportation, smuggling and sacrifice etc
criminal activities.
4.
And simultaneously appreciate pat & boost moral of cow loving
animal lovers selflessly serving more than 15,000 Animal shelters, Goshala,
Panjrapol, Animal Welfare Organizations.
A submission by
Dr.SK Mittal
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