रविवार, 21 जून 2009
कसयिखाना क्यों नही चाहिए -एक वीवेचन
देश में एक बडा सवाल है की कसाईखाना होना चाहिए या नही।
अगर हाँ तो कहाँ, कितना बड़ा कोन चलाये ?
क्या यह सेवा है या उद्योग और व्यापार है?
छेत्र की कीतनी जरुरत है ?
उस छेत्र में जानवरों की कितनी संख्या है?
जनता क्या चाहती है ? वीधी वीधान क्या नीर्देश दे रहे हैं ?
इन सब का जवाब खोज कर निम्नलिखीत पत्र त्यार किया गया जो हर छेत्र और संदर्भ में मार्ग दर्शन करसकता है? अगर हाँ तो कहाँ, कितना बड़ा कोन चलाये ?
क्या यह सेवा है या उद्योग और व्यापार है?
छेत्र की कीतनी जरुरत है ?
उस छेत्र में जानवरों की कितनी संख्या है?
जनता क्या चाहती है ? वीधी वीधान क्या नीर्देश दे रहे हैं ?
गोवंस व् उद्दोग के मध्यम से गोवंश रक्षा, सम्वर्धन व् वीकाश
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