शुक्रवार, 12 जुलाई 2024
.कभी बिसरती नही तेरी यादें... ….
तीसरा साल भी बीता 
सावन भी पलट पलट आया
फिर भी मन रीता पाया।।
रहने को सदा
 इस दुनिया में 
आता नहीं कोई
पर तुम जैसे गई, 
ऐसे भी जाता नहीं कोई।।
डरता हूँ, 
कहीं सूख ना जाए, 
आंखों का समन्दर
जानेमन, 
राख अपनी कभी 
बहाता नहीं कोई।।
ख़ुद मौत भी 
घबरा गई होगी 
तुम्हे लेजाने में
मौत को सीने से लगाता नहीं 
दुश्मन भी कोई।।
जीवन के प्रवाह में
कितने ही पल
दुख शोक के आए
तुम्हे खोने जैसा
ख्वाब कभी आया ही 
माना कि, हमारे उजाले, 
तुमसे रोशन होते थे
फिर भी रात में हमने,
दिया बुझाया, नहीं कभी।।
जमाने से गिला था तुम्हें,
 या मुझ से शिकवा
अब तो कुछ भी याद आता नही।।
तुम्हारी तस्वीर मेरा अंबल
निहारते रोज उसे,
तुम्हे भुला पाता नही।।
सोमवार, 10 जून 2024
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