सोमवार, 9 नवंबर 2015

नंदी राष्ट्रिय ग्राम विकास योजना - आदर्श ग्राम देश के सामने


मान्यवर ,
गौरक्षा आयाम में कार्य करते हुए लगभग २० वर्ष हो गए और सुरक्षा, संवर्धन आर्थिक उपार्जन आदि विषयो पर भारतीय जनता पार्टी के गोवंश विकास प्रोकोस्ट के राष्ट्रीय सह संयोजक के रूप में पूर्ण देश के सामने विषय रखने का अवसर मिला था। 
भारतीय जनता पार्टी की विजय यात्रा और सरकार से जन आकांक्षाएं बहुत बढ़ी हुयी है और एक के बाद एक राज्य गौरक्षा अधिनियम पारित करते जारहे हैं. आने वाले समय में एक बहुत गहन विषय देश के सामने आने वाला है यानी अगर पशु पालक को  प्राणियों के आर्थिक उपयोग से नहीं अवगत कराया गया और पशुधन को ग्रमीण अर्थव्यवस्था और सेवा  नही जोड़ा गया तो कृषक व् गौपालक सरकार के पशु सुरक्षा के प्रयासों के विरोध में खड़ा हो जायेगा और उस समय एक विकट  प्रस्तिथी से झूझना पड़ेगा। सभी न्याय पालिकाएं इन अधिनियमों को निरस्त करने को बाध्य हो जाएँगी।  केवल विधि विधान बनाना और यह सोचना कि  जो मूक प्राणी इन विधि विधानों द्वारा बचाये गए, उन का पालन कृषक और ग्वाला ही  करे। 
इस विषय पर संघ परिवार का सोच बड़ा स्पष्ट रहा है यानी इन प्राणियों का और इनसे प्राप्त गोबर, गौमूत्र व् बैल शक्ति का अधिक से अधिक उपयोग। परम पूजनीय परम सरसंघ चालक श्री सुदर्शन जी और गौऋषि माननीय श्री ओमप्रकाश जी के आदेश और मार्ग दर्शन मुझे विश्व के प्रथम गोबर पार्टिकल बोर्ड व् अन्य वस्तुएं बबनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। 
आज कृषि की लागत अत्यधिक बढ़ने के कारण एक भी फसल बिगड़ने पर ककृषक आत्म हत्या पर मजबूर हो रहा है।  ऐसे समय में उसकी पशु सम्पदा एक बड़ा सहारा बन जाती है और बिना देखे की उसे कौन खरीद रहा है वोह कसाई को बेचने को मजबूर हो जाता है।  विभिन्न विधि विधानों के अनुपालन से उसका यह मार्ग यक़ीनन अवरुध्द होने जा रहा है
इस समस्या का समाधान है अगर कृषक / ग्वाले को उसके गौधन - पशुधन से उचित आय मिलनी प्रारम्भ हो जाये। 
माननीय श्री बी एल संतोष जी से कुछ समय पूर्व वार्तालाप में एक संकल्प आया की अगर 
. ग्राम की विद्द्युत, पेयजल, ईंधन आवश्यकता इस पशुधन से पूरी की जाये 
. रशयनिक उर्वरक के स्थान पर प्राकृतिक खाद उपलब्ध करा दी जाय 
. ग्राम के हर परिवार को विकल्पक रोजगार उपलब्ध करा दिया जाये 
तो निसंदेह वोह अपने पशुधन को भार  ना मानते हुए वर्तमान और आने वाले विधि विधानों का समर्थन करेगा और प्राणी रक्षा में सहायक होगा 
केवल भाषण नहीं वरन करके दिखाना होगा - यह मानते हुए  और माननीय श्री संतोष जी से हुए वार्तालाप को संघ आदेश मानते हुए एक योजना की रूप रेखा तयार की और मैसूर जिले के हूँसुर तालुक के विभिन्न ग्रामो का भर्मण और अध्यन कर मैसूर से लगभग ७५ किलोमीटर दूर  कूचविनहल्ली ग्राम को आदर्श गोवंश आधारित विकसित ग्राम बनाना तय किया।  
इस ग्राम में १५० गृह, ५५० पशुधन, १०००एकड़ कृषि भूमि, लगभग १००० जनसँख्या का निवास है. लगभग ७०% गृह सौचालय रहित हैं. भोजन  बनाने के लिए पास के वन से लगभग वर्ष में ५००० मीट्रिक टन काष्ट काट कर लाया और जला  दिया जाता है. पेयजल की गहन संशय से यह ग्राम जूझ रहा है।  मुख्य व्यवसाय तम्बाकू की खेती है जिसको सूखने में भी हज़ारो टन लकड़ी जलादि  जाती है। इस ग्राम की विद्द्युत आवश्यकता लगभग ३० किलोवाट बताई गयी है
योजना का प्रारूप
१.      विद्द्युत उत्पादन के लिए बैल चलित विद्द्युत उत्पादनसंयंत्र  .... प्रति यंत्र की क्षमता किलोवाट 
1.    + बिओगेस चलित विद्दुत उत्पादन संयंत्र क्षमता २५ किलोवाट  कुल उपलब्धि =५५ किलोवाट 
2.    अतिरिक्त जरुरत के लिए १५० घरो में सौचालय निर्माण और अपविष्ट निष्काशन को जोड़ कर पुनः: १६० घन  मीटर गैस उत्पादन करना संभव होगा 
3.    १६० घनमीटर बायोगैस उत्पादन संयंत्र जो ग्राम पशु से प्राप्त  ४००० किलो गोबर से लगभग २२५ घन मीटर गैस पैदा करने में सक्षम होगा 
4.    १५० घर गैस पाइप लाइन से जोड़ कर भोजन बनाने को गैस उपलब्ध करायी जाएगी जिसमे लगभग ७० घन मीटर गैस का उपयोग होगा 
5.    . बिओगेस संयंत्र से प्राप्त सैलरी जो लगभग ६०% आंकी गयी है को प्राकृतिक खाद बनाने में उपयोग किया जायेगा जिस से लगभग ,००० मीट्रिक टन       खाद तैयार करना लक्ष्य होगा और  उर्वरक १००० एकर भूमि में कृषि के लिए उपलब्ध हो सकेगा 
6.    उपरोक्त कार्यो में ग्राम में उपलब्ध जन को प्रकट कर लगभग ३० जन को रोजगार दिया जायेगा 
7.    दुग्ध उत्पादन जो अभी लगभग १००-२०० लीटर प्रति दिन है उसे नस्ल सुधार के द्वारा ५०० लीटर से १००० लीटर ले जाया जा सकेगा 
8.    गौमूत्र, चर्म, गोबर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कर पृथमत : इस ग्राम की आवश्यकता हेतु साबुन, कीट नियंत्रक, फिनायल आदि  का उत्पादन जिसमे १५० गृहो की महिला शक्ति और बेरोजगार युवा शक्ति को कार्य प्रदान किया जा सकेगा। 
कार्य की स्तिथि 
उपरोक्त नंदी आदर्श  ग्राम योजना   को कर्नाटक सरकार के जिला पंचायत मुख्य कार्याधिकारी के सामने रखा जा चूका है  लगभग रु२करोड़ लागत में यह योजना पूर्ण होने का तात्कालिक अनुमान है विस्तृत योजना रपट जल्दी ही जिला योजना इंजिनियर द्वारा सामने रखी जानी है
नेरलकुप्पे ग्राम पंचायत जिसके मातहत कूचविनहल्ली ग्राम आता है वोह इस योजना को स्वीकार और समर्थन दे चुके है 
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री सुदर्शन भगत जी के संज्ञान में यह योजना लायी गयी जिसका उन्होंने पुरजोर समर्थन और अनुमोदन करते हुए  श्री एच  के. पाटिल  माननीय ग्रामीण विकास व् पंचायत राज्य मंत्री कर्नाटक सरकार को २८. . २०१५ को  भेजा है 
जिला कार्य निर्वहन अधिकारी ने अपने अनुमोदन और अनुशंसा के साथ निदेशक ग्रामीण मूलभूत विकास - को अनुमोदित किया है 

उपरोक्त " नंदी ग्राम विकास योजना " में सफलता के लिए मुझे आप का मार्गदर्शन सुझाव और आशीर्वाद चाहिए।  
जिला पंचायत - मैसूर
संख्या: डी.आर.डी ()आई आर पी /१५/२०११-१२/१५-१६                                           दिनांक २१..०१५ 

सेवा में,
माननीय निदेशक ग्रामीण मूलभूत विकास - 
व् पदेन संयुक्त कार्यदर्शी  ग्रामीण विकास व् पंचायत राज विभाग 
एम.एस भवन, बेंगलोर 
मान्यवर, 
           विषय : हूँसुर तालुक के कूचविनहल्ली ग्राम को आदर्श ग्राम बनाने हेतु 
           संदर्भ: डॉ  एस.के.मित्तल सदस्य कर्नाटक राज्य गौसेवा आयोग के पत्र दिनांक ३०..२०१५ 
                     . अधिकारिओं की ग्राम में बैठक के बाद प्रस्तुत २८.. २०१५ की रपट 

डॉ. एस्.क़े. मित्तल सदस्य कर्णाटक राज्य गौसेवा आयोग ने जिला मैसूर के हूँसुर तालुक के नेरलकुप्पे ग्राम पंचायत अंतर्गत कूचविनहल्ली ग्राम को पशु शक्ति के उपयोग से आर्थिक व् शोषित वर्ग की सुरक्षा और उन्नति के लिए आदर्श ग्राम बनाने की एक योजना  बनायीं है जो पूर्ण राज्य के लिए आदर्श होगी

आदर्श ग्राम योजना से स्वछता, पेयजल, विद्द्युत, कृषि, भोजन के लिए ईंधन और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि आदि सर्वहारा की अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक होगी जबकि आज की प्रस्तिथि में ट्रेक्टर, बोरवेल रासायनिक खाद व् कीट नियंत्रक, के उपयोग से विषाक्त फसल, जीवन यापन के लिए ग्रामवासिओं के शहर पलायन, पेट्रोल उर्वरक आदि में विदेशी मुद्रा का उपयोग देश के समक्ष एक विकराल  समस्या है. इसके लिए पशुधन द्वारा उत्पादित  बैशक्ति, गोबर, गौमूत्र आदि के उपयोग से उपरोक्त समस्याओं का परिहार हो सकता है. महान विज्ञानिक और चिंतक डॉ.  पी. जे अब्दुल कलाम का ग्राम विकास का स्वप्न साकार हो सकता है।  

डॉ. एस्. क़े मित्तल द्वारा इस कार्यालय को  एक आदर्श  ग्राम  की योजना में उस ग्राम की मूलभूत आवस्यक्ताओं की पूर्ति हेतु अंदाज ६० लाख रुपैये के योजना खर्च का अनुमान दिया गया है।   
दिनांक २८..२०१५. कप उपनिदेशक पाश पालन विभाग और योजना अभियंता (IREP) मैसूर द्वारा कछविनहाली ग्राम का दौरा किया गया और ग्राम निवासी, ग्राम पंचायत व् तालुक पंचायत सदस्यों की उपस्तिथि में इस योजनाइस योजना के लिए आवश्यक स्थान के विषय  हेतु विस्तृत चर्चा की गयी जिसे  उन सभी द्वारा सर्वानुमति से अनुमोदित किया गया।

इस सामुदायिक योजना को  गृहण व् स्वीकृत करने के लिए प्रस्ताव माननीय निदेशक, ग्रामीण मूलभूत आवस्यकता विकास, बेंगलोर को अनुमोदित कर रहे हैं।  

उपनिदेशक पशुपालन विभाग, व् योजना अभियंता (IREP) मैसूर जिला पंचायत की अनुसंशा अनुसार इस योजना को पूर्ण करने में क्षेत्रीय बायो गैस केंद्र (GKVK) बेंगलोर में उपलब्द तांत्रिक जानकारी और परामर्श लिया जा सकता है। उपरोक्त अनुशंषा की प्रतिलिपि पत्र के साथ संलग्न है और सरकार के द्वारा इस योजना के लिए अनुमति और अनुमोदन के लिए यह प्रस्ताव भेजा जा रहा है. साथ में उल्लेखित पत्र भी संलग्न है।                                                                                                          आपका विश्वासी 
हस्ताक्षर 
मुख्य जिला कार्य निर्वहन अधिकारी 
जिला पंचायत, मैसूर 

प्रति:  डॉ एस.के.मित्तल सदस्य, श्री कुञ्ज,१९/,३स्ररा ब्लॉक,५व मुख्य रस्ते जयलक्ष्मीपुरम, मैसूर ५७००१२ को जानकारी हेतु प्रेषित की जा रही है