रविवार, 31 मई 2015

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के कार्य में सुधार - समस्या और सुझाव


          Dr. S.K.  Mittal                      Resi:  Sree Kunj, 19/1, 3rd block, 5th Main
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श्री प्रकाश जावेडकर 

माननीय पर्यावरणवन व् मौसम परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

भारत सरकारनयी दिल्ली 

      
     माननीय श्री प्रकाश जावेडकर जी,
विषय : भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के कार्य में सुधार - समस्या  और सुझाव
मुझे आपसे दिसंबर २०१४ में मिलने का अवसर प्राप्त हुआ था और माननीय, आपने संबंधित संयुक्त सचिव को निर्देश देकर पूर्ण विषय पर आपको रपट देने का आदेश किया था।  पश्चात मुझे कार्यालय से बोर्ड को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि प्राप्त हुयी जिसमे दिनांक १९ जनवरी २०१५ से पहिले मेरे द्वारा दिए गए तथ्यों पर उनके विचार देने को कहा गया थ.  गत ७ अप्रैल, २०१५ को मै  आदरणीय अनिल संत आई.ए.एस को पुनः: मिला तो जानकारी दी गयी की मंत्रालय बोर्ड के उत्तर की  प्रतीक्षा कर रहा है. 
ऐसे महत्वपूर्ण प्राणि दया के साधन की जो देश के प्राणियों की रक्षा और सेवा के लिए है की दयनीय स्तिथि पुनः: आपके समक्ष रख रहा हूँ। 
   भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के प्रशासन और कार्य कलाप में गंभीर गिरावट  : कारण 
1. इस बोर्ड की स्थापना प्राणी रक्षा और उत्थान के लिए और प्राणी क्रूरता निवारण अधिनियन १९६० के परिपालन हेतो निम्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की गयी थी।  बोर्ड मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं जैसे पशु गृह, बंधीकरण, चिकित्सा वाहन तथा  फिल्म शूटिंग प्रमाण पत्र  व् प्रदर्शनी आदि की अनुमति प्राधिकार के रूप में कार्यरत है 
2. प्राणी रक्षा व् संवर्धन क्योंकि भारतीय संविधान के  निदेशक सिद्धांत ४८-अ अनुसार राज्यों का विश निर्धारित है इस लिए शायद यह बोर्ड ही केंद्रीय सरकार की एक मात्र संसथा है इस कारण इसका मंत्रायलय द्वारा निरक्षण और मार्ग दर्शन अत्ति आवश्यक है  
3.दुर्भाग्यवश गत कुछ वर्षों में यह संस्था ऐसे दिखावटी प्राणी रक्षक - जो इस समय माननीय केंद्रीय मंत्री और के अंदर चल रही है उनको पालन करने वाले गुट  बजाये पर्यावरण वन मंत्रालय के आदेशो का पालन करने के अदृश्य शक्ति के आदेशो का पालन कर रहे दीखते हैं,
4. आदि उन्हें या उनकी गोपनीयता अधिनियम की अवहेलना  महत्वपूर्ण सूचनाएं, आदेश, पत्राचार  आदि उन्हें या उनकी विशेष अधिकारी को जो की अन्य मंत्रालय में बैठती है , जिन्हे उत्तराखंड से लाकर बोर्ड के कोप्टेड सदस्य लिया गया,  निरंतर भेजे जा रहे है  
5.यह भी गंभीर अन्वेषण का विषय है की क्या यह अंतर्राष्ट्रीय संस्था हुमैन सोसाइटी इंटरनेशनल , से वित्त प्राप्त कर रही है.   लगता है की इस गुट के और अति महत्वकांशी उपाध्यक्ष द्वारा, जिनके ऊपर सीबीआई के केस चल रहे हैं , ने बोर्ड के माननीय अध्यक्ष (भूतपूर्व जनरल ) को किनारे कर दिया है  
6.मुझे पाहिले भी माननीय मंत्री जी के समक्ष अंतर्राष्ट्रीय संस्था जैसे peta , HSI आदि के विषय लाने  का अवसर मिला था. पुनः: यह संज्ञान में देना चाहता हूँ कि  बोर्ड के माननीय नामांकित सदस्य व् पदाधिकारी ,इन संस्थाओं के पदाधिकारी हैऔर आर्थिक लाभ ले रहे हैं,दागी जो सीबीआई केस भुगत रहे हैं ऐसे उपाध्यक्ष और सदश्यो से अवश्य ही विभिन्न विदेशी उद्देश्यों की पूर्ति देश के विरोध में करा जाना संभव है   
7. अपने प्रभुत्व को स्थापित रखने के लिए उन्हें अपने प्रति वफादार बोर्ड  के सचिव की आवस्यकता रहती है. सचिव की नियुक्ति मंत्रालय करता है लेकिन चयनित सचिव को जो की अमूनन उवरसचिव होता है उसे कार्य नही करने दिया जाता है और वोह विभिन्न कारण बता कर छूटी या स्थानांतरण पर जाना पसंद  करता है, और उपरोक्त गुट को पनह: अपने प्रति समर्पित हेड क्लर्क को कार्यकारी सचिव के लगाने का अवसर मिल जाता है. यह खेल गत १० वर्षो से निरंतर देखा जा सकता है श्री राजशेखर (जो बोर्ड से स्थानांतरण के तुरंत पश्चात रंगे  हाथ पकड़े गए थे) श्रीमती उमारानी, और अब श्री कल्याणसुंदरम कुछ ही माह कार्य कर सके और अधिकतम समय वोह ही कार्यकारी सचिव कार्य करता आ रहा है और आज भी है. कारन एक ही है की मंत्रालय द्वारा नियुक्त सचिव के स्थान पर इन गुटो का पिट्ठू ही रहेगा तो इन्हे बोर्ड के नियंत्रण का अवसर मिलता रहेगा
8.जो बोर्ड देश की एकमात्र आशा है जो अवैधानिक प्राणी यातायात, अंतरराष्ट्रीय तस्करी,विभिन क्रूरताओं को रोकने में और सरकार के विभिन्न विभागों को महत्व पूर्ण सलाह दे सकता है वोह बोर्ड आज उपरोक्त गुट के हाथो की कठपुतली बन चूका है। यह सत्य है की गृह, यातायात, कृषि, ग्रामीण विकाश आदि मंत्रालय इन समस्याओं से जूझ रहे हैं लेकिन बोर्ड एक नियामक संस्था के रूप में इन सभी को जोड़ने का साधन बन सकता है यह अगर संभव हो तो पर्यावरण,वनव् मौसमपरिवर्तन मंत्रालय के मान में असीमित बढ़ोतरी हो सकती है.    
9.यह बड़ा गंभीर विषय है की जो केंद्रीय संस्था विश्व की पृथन प्राणी दया संस्था के रूप में श्रीमती रुकुमान देवी अरुण्डेल के प्रयासों द्वारा स्थापित की गयी थी और जिस की कीर्ति को  भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश माननीय गुमानमल जी लोढ़ा, भूतपूर्व जेनरल चट्टर्जी जैसे अध्यक्षों द्वारा बढ़ाया गया था की दशा दयनीय है और मंत्रालय को इसके अनुदान को २/३कम करना पडा है  
10. माननीय मंत्री महोदय, उपरोक्त गुट और उनकी नेत्री के दुर्व्यवहार से ट्रस्ट और उनकी उच्च स्तिथि से भयभीत संस्थाएं और कर्मचारी अपनी आवाज आप तक पहुचाने में असमर्थ लगते हैं जिसका प्रभाव इस राष्ट्रीय संस्था जो की प्राणी  करुणा, दयालुता के सिद्धांत पर गठित है और जो भारत की राष्ट्रिय प्रकृति, पर्यावरण, जीवित प्राणी सहायता, संस्कृति, के संवर्धन में सहायक हो सकती है.                                                   
सुझाव
  1.मंत्रालय द्वारा बोर्ड के सचिव की तुरंत नियुक्ति कर उपरोक्त गुट को तोड़ दिया जाए।  तदर्थ नियुक्ति पर मंत्रालय के उप / अवर सचिव को अतिरिक्त भार दिया जा सकता ह2.उपाध्यक्ष को काली सूचि में डाल  या कम स कम उपाध्यक्ष कार्य से मुक्त करना चाहिए. 
3.कोप्टेड सदस्यों का विधान या बोर्ड के बायीं-लॉ में कोई प्रवाधान  नहीं है  जबकि ५०-६० को अधयक्ष द्वारा नामांकित  किया गया है।  मंत्रालय को उपरोक्त नियुक्तिओं का संज्ञान लेकर जाँच कर और तुरंत आदेश से इन कोप्टेड सदस्यों को मुक्त कर देना चाहिए। इन नामांकित सदस्यों पर जो भी सरकारी वित्त  और संसाधन लगाये गए हैं वसूल करने चाहिए और आगे के लिए  तुरंत रोक देने चाहिए. बोर्ड के विभिन्न कार्यकलाप बोर्ड में नियक्त सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों के मध्य परम्परानुसार वितरित किये जाने चाहिए   

4. इस संस्था को बचाने  के लिए बोर्ड के कार्यकलाप और प्रशासनिक आदेशो की गोपनीय जाँच होनी चाहिए 
 5. माननीय अध्यक्ष वृद्ध और गत १०-१२ वर्षो से जवाबदारी निर्वहन कर रहे हैं जो केंद्रीय मन्त्राणि जी गुट के प्रभाव में आ जा रहे हैं. इस प्रभाव को संज्ञान में लेकर उपरोक्त मंत्री / मन्त्राणि जी के विभिन्न स्तरों पर प्रभाव को रोका जाये और इन मंत्री / मन्त्राणि जी को स्पस्ट कर दिया जाये की अगर कोई शिकायत / सुझाव हैं तो वह माननी पर्यवरण, वन, मौसम परिवर्तन मंत्री जी को ही देवें. फिर भी अगर वोह नहीं मानते है तो इस विषय को माननीय प्रधान मंत्री जी के संज्ञान में ले आना चाहिए 
 6.आज की प्रस्तिथि में बोर्ड का पुनर्गठन कर कर्मठ व् मंत्रालय की नीतिओं के पालन में उन्नमुख व् विस्वासी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व् सदस्यों की नियुक्ति ही एकमात्र समाधान दीखता है.           माननीय मंत्री महोदय, पुरे देश के प्राणी प्रेमी आपके समायीक और महत्वपूर्ण आदेश की और निर्देशों की प्रतीक्षा में हैं. प्रति दिन हज़ारो प्रतिवेदन आपके और मंत्रालय को भेजे जा रहे हैं.
मै,अपने गत २० वर्षो के प्राणी सेवा के अनुभव के साथ आपके मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्तर पर प्राणी दया, सेवा, अभिवर्धन कार्य हेतु तय्यार हु. 

आपके शीघ्र उत्तर की प्रतीक्षा में 

डॉ श्रीकृष्ण मित्तल      
 श्री अशोक लवासा आई ए एस 
माननीय केंद्रीय सचिव 
पर्यावरण, वन व् मौसम परिवर्तन मंत्रालय 
भारत सरकार,
नै  दिल्ली 


मान्यवर,

मुझे गत ६ और ७ मई को माननीय पर्यावरण, वन व् मौसम परिवर्तन मंत्री  श्री प्रकाश जावेडकर जी से मिलने और उपरोक्त विषय वार्तालाप का अवसर मिला था।  उपरोक्त के विषय में मुझे संयुक्त सचिव श्री अनिल संत आई ए एस और उप सचिव श्री गौरी शंकर जी से भी सोमवार दिनाक ११. ५ को चर्चा करने और अपने विचार रखने का अवसर प्राप्त हुआ था।  

विषय अत्ति गंभीर है।  संदर्भवश, मै  यह विषय गत वर्ष नवम्बर २०१४ से मंत्रालय के  संज्ञान में लाता रहा हूँ. मुझे केवल एक पत्र की प्रतिलिपि १६ जनवरी २०१५ को प्राप्त हुई थी जिसमे मंत्रालय ने भारतीय जीव जंतु कल्याण मण्डली को १९ जनवरी तक जानकारी देने का निर्देश दिया था। मुझे बड़ा दुख है की आपके मातहत बोर्ड ने कोई भी सुचना या उत्तर देने का कष्ट ही नहीं किया। 

मै  पुनः आपके संज्ञान में देश के एकमात्र केंद्रीय पशु कल्याण संस्था के विषय में जो  रक्षा और उन्नति में देश की करोड़ो प्राणी प्रेमिओं की आशा का केंद्र है के विषय में लाने  का प्रयास कर रहा हूँ। और जो विषय मै ने माननीय मंत्री जी और आप सभी के समक्ष रखे है वह अत्ति गंभीर और करोडो जीवो के विशेषत: गौवंश की रक्षा के साथ जुड़े हुए हैं. अतः   मुझे विस्वास है  की मंत्रालय के अधिकारिओं ने यह विषय आपके समक्ष रखा होगा।  
मै  पुनः: आपके संज्ञान और जानकारी के लिए मेरा ६. ५ २०१५ का पत्र संलग्न कर रहा हूँ और आशा करता हूँ कि आपके अत्यंत व्यस्त कार्यक्रम में भी मूक प्राणियो  के विषय का संज्ञान लेंगे। 
इस विषय पर मेरे से जो भी जानकारी मेरे पास उपळब्द है मांगेगे या चर्चा के लिए बुलाएंगे तो मै  अनुगृहीत होऊंगा.
 Dr. SK Mittal                                  Resi:  Sree Kunj, 19/1, 3rd block, 5th Main
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Dt.6th May, 2015

Sri Prakash Javedkar                                                                                     

Hon’ble Environment Forest & Climate Change Minister(I/C)

Govt. of India

New Delhi

Respected Sri Praksh Javedkar Ji,
                          Sub: improvement in AWBI working- problem and suggestion
I had the occasion of meeting your good self in December, 2014 and your good self immediately directed the concerned Joint Secretary to report the matter to you. Subsequently I received the copy of the letter sent to AWBI calling for the comments before 19th Jan., 2015. I met Mr. Sant IAS during on 7th April,2015  and was informed that Ministry is still waiting for the reply.
I take this opportunity to again bring to your kind notice the grim situation of such a tool to serve poor animals in the nation.
SERIOUS  DETERIORATION of AWBI ADMINISTRATION

AWBI functioning is under serious  deterioration  due to utter failure of administration. Reasons are  :-
1. The Board constituted for animal safety and welfare and implementation of Prevention of Cruelty to Animal Act, 1960 with objects functions (Attached Anx.!) AWBI is operating the Schemes like Shelter Grant, ABC Operations, Ambulance Grant and also authority for issuance of No objection for shooting and Certificate for exhibition etc. 
2. Animal Welfare being the State subject as per the Directive principles of the Constitution of India, Perhaps, it is only the body of Union Government for Animal Welfare so is very important and needs strict monitoring by Animal Welfare Division of the Ministry. 
3. Unfortunately, in last few years, it has gone in the clutch of a so called animal welfare activist -who is now a Union Cabinet Minister also and a gang following her dictate instead of Env. Forest & CC Ministry. 
4. Violating the office secret Act, the important information, decisions, correspondence are invariably Emailed to her or her OSD who is brought as Co opted member to the Board. It can be seen that this Co opted member though  representing  Uttarakhand but functions  from office of different Ministry.
5.  It is also matter of investigation whether she Receives perks from International Agency i.e. Humane society International. Chairman of board a retired   General is seemed to be sidelined by over ambitious Vice chairman facing serious CBI Cases and heading the  nexus.
6. I had the occasion of bringing to honorable Minister’s kind notice that International bodies like PETA, HSI have become policy makers and several respected members and office bearers are on their pay role or indirect funding. Even tainted persons facing CBI cases are the key persons like Vice Chairmanship involving conflict interest.
7. To keep the commend they need the executive i.e Secretary to the Board loyal to them Though its appointment  is the prerogative of  Ministry BUT the selected and appointed official in the rank of Under Secretary is not allowed to function and with some reason or the other he/ she will prefer to leave and get him /her transferred clearing the way for  the same person loyal to that Group, avoiding all seniority Rules will be brought as Acting Secretary. In last 10 years 
                                                                                                                              Contd: 2


: 2 :
Mr. Rajasekhar (who was caught red handed immediately after his transfer) Ms. Umarani & now Mr. Kalyan sundram have served few months and major PERIOD is run by the same Acting Secretary. No secretary appointed by Centre is allowed to  survive  to run the office successfully many dominating group or NGOS are involved to interrupt and control  to regulate the AWBI in their own way for their own  benefits. 
8. Instead the Board has become tool in committed hands and instead of functioning as a Role Model and advisory body. Otherwise, problems like cruel transportation, international smuggling etc would had been tackled Though the part of the subject is to be dealt by Ministries of Home Affair, Agriculture, Surface Transport, Rural Development & Gram Panchayat etc BUT as coordinating AGENCY is only and only one i.e. AWBI Hence the Role of the Board and Ministry of Env. Forest & CC is seen at highest place.
9. This is very serious loss of a  central institution was established in the world as first Govt. institution by Smt Rukmini Devi Arundale, The Goodwill created by earlier Chairmen Chief Justice (Retd)Sri Guman Mal Lodha, Lt. General (Retd) Sri AK Chatterjee etc. in the field of Animal safety & Welfare and bringing thousands of Animal Welfare Organizations to AWBI fold has been deteriorated.  
10. Due to rude behavior and retaliatory Action  by the  Crooked Nexus & their Guide and God Mother   no one ready to Divulge the  excesses in AWBI, a  national organization, which is based on the philosophy of kindness and compassion to animals and helping  nature, living creatures, ecology, environment, cultural and society of the country.
Suggestions
1. Immediate Inquiry in the functioning  of AWBI and removing the nexus  in the  AWBI and appointment of Secretary are required.
2. Vice Chairman shall be either blacklisted or at least  directed to leave the office of Vice Chairman and all Board Committees.
3. There is no statuary provision for the appointment of  Co opted members and in such large number like 55-60. Nomination shall be examined at Ministry AWD level and these shall be relieved from all AWBI working and responsibilities to reduce the burden. Work shall be divided among statuary appointed respected Government and non Government members. 
4. Confidential inquiry on functioning and administrative decisions are utmost urgent to save this National Board. Chairman is old  and easily succumbs to pressure of this group under influence of unconcerned but intervening Hon. Union cabinet Minister which shall be examined and stopped. If any Hon’ble Minister has any suggestion or complaint, she/he shall be asked to route through your good self only. The matter, if desired, shall be brought to the notice of Honourable Prime Minster.
5. Immediate reconstitution of AWBI and appointment of Secretary are required and a confidential inquiry  on functioning and administrative decisions are utmost urgent to save this National Board.
Honorable Sir, Animal lovers from the whole nation are looking towards timely and effective decisions from Animal Welfare Division of the Ministry of Environment Forest & Climate Change. With more than two decades working in the field, I will be glad to assist and serve the animal safety and welfare issue in your valuable guidance.
With high regards
                                                                                                                            Dr. SK Mittal



Functions of AWBI
a. To keep the law in force in India for the Prevention of Cruelty to Animals under constant study and to advise the government on the amendments to be undertaken in any such law from time to time.

b. To advise the Central Government on the making of rules under the Act with a view to preventing unnecessary pain or suffering to animals generally, and more particularly when they are being transported from one place to another or when they are used as performing animals or when they are kept in captivity or confinement.

c. To advise the Government or any local authority or other person on improvements in the design of vehicles so as to lessen the burden on draught animals.

d. To take all such steps as the Board may think fit for amelioration of animals by encouraging, or providing for the construction of sheds, water troughs and the like and by providing for veterinary assistance to animals.

e. To advise the Government or any local authority or other person in the design of slaughter houses or the maintenance of slaughter houses or in connection with slaughter of animals so that unnecessary pain or suffering, whether physical or mental, is eliminated in the pre- slaughter stages as far as possible, and animals are killed, wherever necessary, in as humane a manner as possible.

f. To take all such steps as the Board may think fit to ensure that unwanted animals are destroyed by local authorities,  whenever it is necessary to do so, either instantaneously or after being rendered insensible to pain or suffering.

g. To encourage by the grant of financial assistance or otherwise, the formation or establishment of Pinjarapoles, rescue homes, animals shelters, sanctuaries and the like, where animals and birds may find a shelter when they have become old and useless or when they need protection.

h. To co-operate with, and co-ordinate the work of associations or bodies established for the purpose of preventing unnecessary pain or suffering to animals or for the protection of animals and birds.

i. To give financial assistance and other assistance to Animal Welfare Organizations functioning in any local area or to encourage the formation of Animal Welfare Organizations in any local area which shall work under the general supervision and guidance of the Board.

j. To advise the Government on matters relating to the medical care and attention which may be provided in animal hospitals, and to give financial and other assistance to animal hospitals whenever the Board think it is necessary to do so.

k. To impart education in relation to the humane treatment of animals and to encourage the formation of public opinion against the infliction of unnecessary pain or suffering to animals and for the promotion of animal welfare by means of lectures books, posters, cinematographic exhibitions and the like.

l. To advise the Government on any matter connected with animal welfare or the Prevention of infliction of unnecessary pain or suffering on animals



Environment & Forest Minister intervened to stall Mysore mechanized Abattoir : EIA Rules will be amended :National Guidelines for Site selection and operation will be framed



 Mysuru:30.5.2015 : Mysore Modern Mechanized Abattoir Opposition Federation thanked Honorable Union Environment Forest & Climate Change MOS { I/C} Sri Prakash Javedkar for stalling the Modern Mechanized Abattoir planned by Mysore City Corporation in Ward 46. Directions issued by Ministry to MCC, KSPCB decided to Stall the process on the base of  the representation of Federation. Dr. SK Mittal thanked the Honorable Minister for saving the residents of RS Naidunagar from Trauma and pollution. He also extended thanks to Union Law Minister & Ex Chief Minister Sri DV Sadanand Gowda & Mysuru Kodugu MP Sri Pratap Simha for their support and taking the matter to notice of Env. & Forest Minister, Food Processing Industry Minister Smt. Harsimrat Kaur Badal & Urban Development Minister Sri M. Vankaia Naidu.

The above abattoir costing RS.399 Million was planned with RS.150 million Grant from Min. of Food Processing Industry and 149 Million from Urban Infrastructure Development Fund of Min. of UD. which are also brought under scanner and stalled due to illegal Project Site. Federation Co convener and animal activist Dr. SK Mittal struggled and brought the matter to conclusion. 

During the discussion with Env& forest a anomaly was seen Environmental Impact Assessment Notification 2006 that slaughter
 House, Abattoir Meat Processing etc were not included . Minister directed that the Abattoir and Meat processing plant for Export be examined by Expert committee of the Ministry (Waste Committee) to bring them under 
the  provisions of the EIA Notification 2006 alongwith delegation to SEIAA upto certain level and size of the project.

Ministry also decided to develop  model guidelines on Site approval and operation of Abattoir and meat processing Plants with guidance from IL&FS Environment LTD/NEERI Nagpur

Addressing a Press Meet at Patrakartara Bhavan Mysore Modern Mechanized Abattoir Opposition FederationConvenor Mr. E Marutirao Pavar & Co Convener Dr. SK Mittal announced that 186 days old stir against the Abattoir has been  Withdrawn with heartiest thanks to Union Government, for the timely decision & Sri DV Sadanand Gowda, Sri Pratap Simha and Media for their support.